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विश्व श्रवण दिवस पर मेडिकल कॉलेज में हुई कार्यशाला, आशाओं व आंगनवाड़ीकर्मियों को दिया प्रशिक्षण

बहरेपन से बचाव के लिए शुरूआती स्तर पर श्रवण विकार को पकडना जरूरी : डॉ. लीना जैन

भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) बहरेपन से बचाव के लिए श्रवण विकार को शुरूआती स्तर पर पकडना जरूरी है। यह तभी संभव होगा जब बच्चें का जन्म होते ही उसकी स्क्रीनिंग कर ली जाए। इसके अलावा भी श्रवण विकार को समय रहते पकडऩे के कई तरीके है। यह बात आरवीआएस मेडिकल कॉलेज में विश्व श्रवण दिवस पर आयोजित कार्यशाला में महात्मा गांधी अस्पताल इएनटी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. लीना जैन ने कही। उन्होंने कई सरकार योजनाओं व कार्यक्रम की जानकारी दी। कार्यशाला की शुरुआत में विशिष्ट अतिथि सांसद दामोदर अग्रवाल, सीएमएचओ डॉ. सीपी गोस्वामी, महिला एवं बाल विकास विभाग के नगेंद्र तोलम्बिया, मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. वर्षा सिंह, एमजीएच अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़, शिशुरोग विभागाध्यक्ष डॉ इंदिरा सिंह चौहान आदि ने विचार रखे। ऑडियोलॉजिस्ट अखिलेश मलोनी ने श्रवण यंत्र का डेमो दिया।

इएनटी चिकित्सक डॉ जयराज वैष्णव ने वोट ऑफ थैंक्स दिया, डॉ. ओमप्रकाश शर्मा ने अपने अनुभव साझा किए। डॉ. चारु प्रभाकर व रविशा चौधरी ने मंच संचालन किया। डॉ राजेंद्र लखावत ने टेक्निकल विभाग के बारे में बताया। रेजिडेंट डॉक्टर विशाल, अनिल मिश्रा, भगवान सिंह व गोपिका का विशेष सहयोग रहा। रिटायर्ड इएनटी सर्जन डॉ. केके भंडारी, डॉ एमएल शर्मा व मूक बधिर स्कूल मुख्य सचिव एस के सुथार मौजूद थे।

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Chief Editor of voice of public rajasthan

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