समाज में अनुशासन का भाव जागृत होना चाहिए

जितेंद्र कुमार नागर वरिष्ठ संवाददाता इटावा
कोटा पाणिनि संयुक्त विद्यार्थी सायं शाखा का वार्षिक उत्सव विवेकानंद शाखा स्थल पर संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य वक्ता प्रांत प्रचारक मुरलीधर रहे। महानगर संघचालक गोपाल जी गर्ग और नगर संघचालक सत्यनारायण जी कांसठ का सानिध्य प्राप्त हुआ।
प्रान्त प्रचारक मुरलीधर ने अपने उद्बोधन में सभी को स्वदेशी भाव, सेवा भाव, समर्पण भाव के साथ देशभक्ति के भाव के बारे में बताया। मुख्य वक्ता ने बताया की शाखा में संस्कृति व अनुशासन का भाव सिखाया जाता है।
गण शिक्षक जो आज्ञा दे दे, उसका पालन सभी को करना होता है। अगर बैठने के लिए कहा जाए तो सब एक साथ बैठते हैं। समता में पैर से पैर मिलता है। आज सार्वजनिक जीवन में जितना बड़ा अधिकारी होता है उतना ही अनुशासन तोड़ता है, आज आवश्यकता इस बात की है कि अनुशासन का भाव समाज में जागृत होना चाहिए कि मुझे अनुशासन पालन करना है। अनुशासित जीवन जीना है। जब कदम से कदम मिलते हैं तो मन मिलते हैं, क्योंकि जब मन नहीं मिलते तो एक दूसरे में द्वेषता की भावना पैदा होती है। “छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं हो सकता।” कार्यक्रम में स्वयंसेवकों को द्वारा घोष का वादन किया गया और विभिन्न प्रकार की रचनाएं बनाई, शाखा में नियुद्ध, समता, दंड युद्ध, दंड योग आदि का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम की सभी सूचनाएँ शाखा कार्यवाह मानविक द्वारा दी गई।