जेके फैक्ट्री के कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ अनिश्चित कालीन धरना जारी
कोर्ट के आदेशों के बावजूद बकाया वेतन-के लिए भटक रहे मजदूर

कोटा में जेके फैक्ट्री के मजदूरों का बकाया भुगतान कराने और सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कराने की मांग को लेकर जेके फैक्ट्री के मजदूरों ने मंगलवार से सीटू की तीनों यूनियनों के बैनर तले जिला कलेक्ट्रेट कोटा के सामने भुगतान होने तक अनिश्चित कालीन धरने की शुरूआत की।
धरने को सीटू राज्य कमेटी उपाध्यक्ष व आरएमएसआरयू के राज्य सचिव कामरेड राकेश गालव, सीपीआईएम के राज्य कमेटी सचिव मंडल सदस्य कामरेड दुलीचंद बोरदा, महिला नेत्री पुष्पा खींची, कामरेड नरेन्द्र सिंह, कामरेड रविन्द्र सिंह, रोडवेज के साथी जाकिर हुसैन, कामरेड खलील अहम्मद बून्दी, कामरेड हबीब खान ने सम्बोधित किया।
वक्ताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 27 वर्षों से लगातार अपने श्रम की कीमत जेके फैक्ट्री के मालिक से वसूल करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे जमीनी स्तर से लेकर कानूनी तौर पर मजबूती से लड़ाई लड़कर सुप्रीम कोर्ट से सीटू यूनियन के नेताओं ने मजदूरों पक्ष में फैसला करवाया। सुप्रीम कोर्ट से जेके फैक्ट्री की जमीन को सरकार अपने कब्जे में लेकर मजदूरों का भुगतान करने के राज्य सरकार को आदेश जारी कराए। साथ ही अराफ़ात से लीज डीड खत्म कराने के लिए 2 वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजस्थान सरकार को दिए गए आदेश को लागू कराने एवं मजदूरों का भुगतान करने के आदेश को राजस्थान सरकार ने एक वर्ष पूरा होने के बाद भी लागू नहीं किया है। इसलिए आज हमें मजबूर होकर जेके की तीनों यूनियनों के महामंत्रियों के नेतृत्व में 18 फ़रवरी से सरकार के खिलाफ जिलाधीश कार्यालय कोटा कलेक्ट्रेट के सामने अनिचित कालीन धरने पर बैठना पड़ा धरना आज चौथे दिन भी जारी रहा।
कामरेड उमाशंकर ने धरने का संचालन करते हुए बताया कि धरने के चौथे दिन भी जेके उद्योग के पीड़ित सैंकड़ों मजदूरों के परिवार महिलाओं समेत धरने पर उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मजदूरों का बकाया भुगतान नहीं करेगी, तब तक यह धरना इसी तरह जारी रहेगा।
इन्होंने भी किया धरने को संबोधित
किसान सभा के प्रांतीय उपाध्यक्ष कामरेड दुलीचंद बोरदा,कामरेड हबीब खान, जनवादी महिला समिति कोटा जिलाध्यक्ष रजनी शर्मा, पुष्पा खींची, शकीला बानो,रमा, हनुमान सिँह, शाहिदा खान, सीटू के वरिष्ठ मजदूर नेता कामरेड योगेश शर्मा,एल आई सी यूनियन के नेता बाल योगी, कामरेड कालीचरण, अशोक सिंह, नरेंद्र सिँह, कामरेड उमाशंकर एवं अन्य समर्थक संगठनों के साथियों ने भी सम्बोधित किया।
कामरेड हबीब ने बताया की कोटा जिले के इटावा से जे के फैक्ट्री के मजदूरों की मांगों को लेकर निर्माण मजदूर यूनियन भी लगातार संघर्षरत है। उन्होंने सभी मजदूर साथियो से 24 फ़रवरी 2025 को जेके के शहीद साथियों का शहादत दिवस मे अधिक से अधिक संख्या मे जे के फैक्ट्री के गैट पर सुबह 7 बजे शहीद स्मारक पर पहुंचने की भी अपील धरने पर ही धरना यथावत लगातार जारी रहेगा ।
दूसरे संगठनों के साथियों को भी हम एक साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं। एकजुट होकर जेके मजदूरों को न्याय दिलाएंगे।
धरने का आज चौथा दिंन है
धरने के पहले दिन न्यायाधीश कोटा को प्रतिनिधि मंडल द्वारा दिए गए ज्ञापन में बताया गया था कि त्रिपक्षीय समझौते के मुताबिक लीज डीड की शर्तों के तहत जेके फैक्ट्री को चलाने के लिए अराफात पेट्रो केमिकल्स प्रा०लि० को दिया गया था। जिसमें अन्य शर्ता के अतिरिक्त यह शर्त भी निहित थी कि जेके के श्रमिकों का भुगतान व उनके बकाया ड्यूज एवं उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। जिसकी कोई पालना अराफात पेट्रो केमिकल प्रा०लि० द्वारा नहीं की गई। उन शर्तों को जिन के आधार पर लीज डीड जारी की गई थी, उनकी कोई पालना नहीं की गई। बल्कि इसके विपरीत कार्य करते हुए फैक्ट्री के प्लांट एवं मशीनरी को खुर्द-बुर्द कर दिया गया। फैक्ट्री की भूमि को भी खुर्द-बुर्द किए जाने के संबंध में रीको से भूमि का रूप बदलवा लिया। जिसके संबंध में कार्यवाही करने से यह आदेश निरस्त किया गया। तत्पश्चात् अंतिम रूप से सर्वोच्च न्यायालय ने अराफात पेट्रो केमिकल प्रा०लि० की लीज डीड की शर्तों के अनुरूप कार्य नहीं करते हुए सरकार को मध्यस्थ किया।
ज्ञापन में के मजदूरों के वेतन, भत्तों के लिए अराफात पेट्रो केमिकल प्रा०लि० की लीज को निरस्त करते हुए वेतन व भत्तों की व्यवस्था करने, इससे प्राप्त अधिक राशि को राज्य सरकार के कोष में जमा करवाने आदि मांगें रखी गईं। साथ ही कहा कि समस्त श्रमिक लगभग पिछले 27 वर्षों से आन्दोलनरत हैं और आज धरने और ज्ञापन के माध्यम से ये मांग की जा रही है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि मांगें नहीं मानने की सूरत में धरना अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।