बजट में असंगठित मजदूरों को किया अनदेखा मिली निराशा
न्यूनतम मजदूरी में दो साल से नहीं हुई बढ़ोत्तरी

कोटा राजस्थान सरकार के बजट ने राजस्थान के असंगठित मजदूरों को घोर निराश किया हे गरीब परिवारों को इस बजट में सरकार से उम्मीद थी कि सरकार इस कमरतोड़ महँगाई में उनके परिवारों की भी सुध लेगी और न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोत्तरी करेगी मगर सरकार द्वारा कोई घोषणा नहीं हुई
एच एम एस के प्रदेश सचिव एवं थर्मल ठेकेदार वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष आज़ाद शेरवानी ने बताया कि राजस्थान सरकार ने बजट में असंगठित मजदूरों को अनदेखा किया हे मजदूरी ना बढ़ाकर गरीबों के साथ धोखा किया हे लाखों परिवारों को बजट में मजदूरी बढ़ने की आस थी दो वर्ष से राजस्थान में मजदूरी दर में कोई वृद्दि नहीं हुई हे 1 जनवरी 1923 को 26 रुपये की वृद्दि हुई थी उसके बाद अभी तक मजदूरी दर में बढ़ोत्तरी नहीं की गई हे जबकि अब तक दो वर्ष में दो बार मजदूरी में बढ़ोत्तरी हो जानी चाहिये सरकार से आशा करते हें कि गरीब वर्ग की सुध ले और महँगाई को देखते हुए जल्द से जल्द न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोत्तरी करे