आंगनबाड़ी कार्मिक ग्रेच्युटी के हकदार, खुशी जाहिर की
बी एम राठौर
संवाददाता सांगोद
सांगोद, फरवरी राजस्थान आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी महासंघ राजस्थान संयुक्त कर्मचारी एवं मजदुर महासंघ सम्बंद्ध की प्रदेश अध्यक्ष शाहिदा खान ने बताया कि महामंत्री रचना वैष्णव के नेतृत्व में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मचारी को ग्रेच्युटी के लिए हकदार मानकर बाल विकास विभाग को इस मामले में विचार करने के निर्देश दिए हैं । झालावाड़ जिले में विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत करीब 60 कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं व साथीनो ने महामंत्री रचना वैष्णव की अगवाही में उच्च न्यायालय पीठ जयपुर में नियमित वेतन श्रृंखला एवं ग्रेच्युटी तथा सेवा संबंधी परिलाभ प्राप्त करने बाबत याचिका दायर की गई थी। न्यायालय में परिवादियों की ओर से नियुक्त अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया कि अन्य विभागों के समान ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत कर्मचारियों का भी नियमित श्रेणी का कार्य है। ऐसे में अन्य विभागों के समान इन्हें भी नियमित कर्मचारियो के समान वेतन श्रृंखला दी जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, साथीनो, सहायिकाओं द्वारा किसी भी व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक रिकॉर्ड संधारित करना तथा अन्य विभागों में समन्वय स्थापित कर सर्वे का कार्य करना जिम्मेदारी का काम है। फिर भी इन्हें पी एफ, ग्रेच्युटी सहित अन्य परिलाभो से वंछित रखा जा रहा है। इस पर न्यायालय की खंड़पीठ ने ग्रेच्युटी अधिनियम 1972 के प्रावधानों को मद्देनजर रखते हुए इन्हें ग्रेच्युटी के लिए हकदार माना है। अधिवक्ता के तर्क से सहमत होते हुए न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय, गुजरात उच्च न्यायालय के निर्णय एवं ग्रेच्युटी अधिनियम के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए समेकित बाल विकास के निदेशक,उप निदेशक झालावाड़ व बाल विकास परियोजना अधिकारी खानपुर को निर्देशित कर परिवादियों के अभ्यावेदन पर विचार कर निर्णय पारित करने के निर्देश दिए गए हैं। न्यायालय के इस निर्णय से क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में हर्ष की लहर है । कार्मिकों ने न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत किया।