
जयपुर में आदिवासी जनाधिकार एका मंच राजस्थान द्वारा आदिवासियों को रोजगार से वंचित करने के खिलाफ शहीद स्मारक जयपुर में प्रातः से अपनी 17 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया गया। धरने पर उदयपुर डूंगरपुर बांसवाड़ा भीलवाड़ा से आदिवासी नौजवानों ने भाग लिया। इस धरने पर आमसभा भी हुई जिसके अंदर सरकारी नौकरियों के निजीकरण के खिलाफ जोरदार विरोध किया गया। सरकार सीधे तौर पर आरक्षण को समाप्त नहीं कर पिछले दरवाजे से सरकारी नौकरियों को समाप्त कर आरक्षण को समाप्त कर रही है। जिससे आदिवासियों की जो संख्या है उसके आधार पर उनको रोजगार नहीं मिल रहा है।
आज के धरने को आदिवासी नेता और राज्य महामंत्री दुलीचंद मीणा, राजस्थान शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष हेमंत कराडी, आदिवासी नेता विमल भगोरा, आदिवासी नेता प्रेम पारगी, सीटू के प्रदेश उपाध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत, सीटू के प्रदेश महामंत्री वीएस राणा, महिला नेत्री सुमित्रा चोपड़ा, जांबाजी महिला समिति के नेता कुसुम साईवाल , खेत मजदूर यूनियन के नेता राम रतन बगड़िया, किसान सभा के उपाध्यक्ष संजय माधव , डीवाईएफआई के नेता रीतांश आजाद, आसफाई की नेत्री सहित अन्य आदिवासी साथियों ने धरने को संबोधित किया और अपनी मांगे रखें। पांच सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल महोदय से मिलने गया लेकिन वह यहां पर उपस्थित नहीं थे उनके स्टाफ द्वारा आने के बाद मिलवाने के बाद कही गई। इस स्थिति में ज्ञापन अधिकारियों को राजभवन में दिया गया।