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भारतीय ट्रेड यूनियन सीटू का राज्य स्तरीय श्रमिक अधिवेशन आयोजित

इटावा

भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र सीटू राजस्थान राज्य कमेटी की ओर से आज कामकाजी महिलाओं का राज्य स्तरीय कन्वेंशन श्रमिक एकता केंद्र शांति नगर जयपुर में संपन्न हुआ , 21 सदस्यों की कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन, 1 मार्च से 8 मार्च तक अभियान चलाकर 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाने का प्रस्ताव किया पारित ।
इटावा कोटा, 9 फ़रवरी 2025 सीटू राज्य कमेटी सदस्य मुरारीलाल बैरवा ने जानकारी देते हुए बताया की आज जयपुर में भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र सीटू राजस्थान राज्य कमेटी की ओर से कामकाजी महिलाओं का राज्य स्तरीय कन्वेंशन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में आंगनवाड़ी वर्कर्स ,आशा वर्कर्स, मिड डे मील वर्कर्स, उद्योग में काम करने वाली महिला साथी, घरेलू कामगार महिला ने आज के सम्मेलन में भाग लिया। खचाखच भरे हाल में सम्मेलन का उद्घाटन सीटू प्रदेश महामंत्री कामरेड वीएस राणा ने किया। उन्होंने कामकाजी महिलाओं को आ रही समस्याओं पर विस्तार से विचार रखते हुए कहा सभी तरह के काम करने वाली कामकाजी महिलाओं को एक होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार होना होगा। 1 मार्च से 8 मार्च तक हमें अभियान चलाकर कामकाजी महिलाओं को एकत्र करना है, उनको संगठन के अंदर लाकर सदस्य बनना है तथा 8 मार्च को महिला दिवस मनाना है। उन्होंने सरकार की नीतियों को महिला शोषणकारी बताया क्योंकि आज मिड डे मील वर्कर को मासिक 2100 रुपए मानदेय राजस्थान में मिल रहा है।

समय पर मानदेय का भुगतान नहीं किया जाता, बच्चों को स्कूल में दूध पिलाने के ₹500 महीने तीन महिलाओं को दिए जाते हैं। उनके जो काम नहीं है वह भी उनसे स्कूलों में करवाए जाते हैं। हमें हर जगह महिला कमेटीया बनाकर महिलाओ के ऊपर होने वाले शोषण के खिलाफ आवाज उठानी होगी ।
आज के सम्मेलन में आंगनबाड़ी की राष्ट्रीय नेता कामरेड बिना गुप्ता ने भी विस्तार से अपने विचार रखें, उन्होंने बताया कि सरकार इन योजनाओं के नाम बदलकर बजट को कम कर रही है और धीरे-धीरे इन योजनाओं को बंद करना चाहती है।

महिलाओं से आशा आंगनबाड़ी सहायिकाओं से केवाईसी करवाई जा रही है, अस्पतालों के काम करवाए जाते हैं, उनसे ऑनलाइन सारे काम करवाए जाते हैं, मोबाइल तक दिए नहीं जाते ,महिलाओं को दिन में तो काम करना ही पड़ता है रात को उनको अपने घर पर भी सरकार के लिए काम करना पड़ता है। 24 घंटे मोबाइल ऑन रखना पड़ता है। रिटायरमेंट पर कुछ सुविधा नहीं दी जाती, पीएफ और ई एस आई की सुविधा तक भी नहीं दी जा रही है। कोई भी सामाजिक सुरक्षा नहीं है, ज़ब मन चाहे तब काम से निकाल दिया जाता है। साल में 10 माह ही मानदेय दिया जाता है, दो माह का मानदेय भी नहीं दिया जाता। हमें इन योजनाओं को बचाना होगा सरकारी स्कूलों को भी बचाने के लिए संघर्ष करना होगा। आंगनबाड़ी केंद्रों को बचाने के लिए भी हमें कार्य करना होगा।कन्वैंशन को संबोधित करते हुए सीटू राज्य उपाध्यक्ष कामरेड सुमित्रा चोपड़ा ने महिलाओं की समस्याओं को रखा और उन्होंने कहा सरकार के खिलाफ एक जुट होकर संघर्ष करने से ही इन समस्याओं का समाधान हो सकेगा। हमें सभी प्रकार के महिला कर्मचारियों को एकजुट होना पड़ेगा। कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कामरेड रवींद्र शुक्ला ने विस्तार से आंगनवाड़ी, मीड डे मील, आशा वर्कर्स, कारखाने में काम करने वाली महिलाओं घरेलू कामगार महिलाओं ओर निर्माण क्षेत्र मे काम करने वाली महिलाओ की समस्याओं पर विस्तार से अपने विचार रखें। सीटू का जो उद्देश्य है वह उन्होंने बताया। सम्मेलन में 8 जिलों से आई महिला साथियों ने अपने विचार रखें और अपनी समस्याओं के बारे में कन्वेंशन में भी बताया। आज के सम्मेलन की अध्यक्षता 8 महिला साथियों ने की ।
सम्मेलन का समापन सीटू प्रदेश अध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत ने अपने सम्बोधन से करते हुए विस्तार से महिला कामगारों को बताया कि उन्हें अपनी एकता का विस्तार करना होगा ।सबसे ज्यादा देश में महिला श्रम की लूट हो रही है ,उसका कारण है उनका एकजुट नहीं होना, और संगठन में नहीं होना। सभी को संगठित होना पड़ेगा हर प्रकार की महिलाएं जो कामकाजी है उन सबको हमें एक छाते के नीचे लाना होगा और मिलकर के उनकी समस्याओं के लिए संघर्ष करना होगा और सरकार के खिलाफ आवाज उठानी होगी। हमें एक छोटे से जीव मधुमक्खी से एकता की बात सीखनी चाहिए, उसी तरह की एकता हमें भी बनानी होगी। सभी जिलों में हमे अभियान चला कर सदस्यता करनी होगी , फिर जिलों में प्रदर्शन करना होगा। जिलों में प्रदर्शन करने के बाद एकता का विस्तार कर पूरे राज्य स्तर पर जयपुर में बड़ा प्रदर्शन कर अपनी मांगों को उठाना होगा। जिस तरह से आर्थिक शोषण हो रहा है उसके खिलाफ एक जूट होकर के लंबा संघर्ष करना होगा। देश में किस तरह से महिला श्रम का शोषण हो रहा है विस्तार से इस पर बताया कि महिलाओं की एकता में कमी होना इसका सबसे बड़ा कारण है। हमेंएकजुट होकर अपनी मांगों को उठाकर संघर्ष करना होगा। अंत में सभी का धन्यवाद देते हुए नारेबाजी के साथ कन्वेंशन संपन्न हुआ।
सम्मेलन में 21 सदस्यों की महिला कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन किया गया। इसका कन्वीनर कामरेड सुमित्रा चोपड़ा को बनाया गया है। हर जिले से इसमें महिला साथियों को लेकर 21 सदस्य चुने गए ।

voiceof public

Chief Editor of voice of public rajasthan

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