कृषिराज्य

युवा पीढ़ी खेती से जुड़े, संस्कारवान, मेधावी, बलशाली, आत्मनिर्भर बने : प्रमानन्द

युवा किसान शक्ति संगम में उमड़े युवा किसान, गो आधारित जैविक खेती की ली जानकारी

 

जितेन्द्र कुमार नागर वरिष्ठ संवाददाता इटावा

इटावा,  में भारतीय किसान संघ तहसील पीपल्दा, खातोली द्वारा युवा किसान शक्ति संगम का आयोजन शुक्रवार दोपहर 1 बजे निजी मैरिज गार्डन इटावा पर फ़णीभूषण वर्मा निरीक्षक जी एस टी एंड कस्टम की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमें युवा किसानों ने उत्साह से काफी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित हुआ। जिसमें मुख्यवक्ता परमानंद प्रांत संगठन मंत्री, ताराचंद गोयल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लघु उद्योग भारती व विशिष्ठ अतिथि प्रदेश महिला प्रमुख रमा शर्मा, प्रहलाद नागर, डॉ पवन टांक, जिला अध्यक्ष जगदीश कलमंडा, मंत्री रूपनारायण यादव, देवीशंकर गोचर, किशन गोपाल नागर, हुकम चंद मीणा रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ संगठन ध्वज लगाकर व भगवान बलराम, भारत माता के चित्र पर द्वीप प्रज्वलित कर अतिथियों द्वारा किया गया, इस दौरान किसानों ने जमकर भारतीय किसान संघ जिंदाबाद, किसान शक्ति जागेगी, सारी समस्या भागेगी जैसे जयघोष लगाएं। कार्यक्रम का संचालन जिला युवा प्रमुख धनराज पारेता द्वारा किया गया।

 

प्रथम सत्र में गो आधारित जैविक खेती प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश जैविक प्रमुख प्रहलाद नागर व डॉ पवन टांक वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री रामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र जाखोड़ा कोटा का मिला। इस दौरान युवा किसानों ने रुचि लेकर जैविक खेती प्रशिक्षण खुलकर जानकारी ली।

द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता परमानन्द प्रचारक ने कहां की युवा शक्ति इस देश का वर्तमान हे। हमारे पूर्वज लम्बी आयु जीते थे, लेकिन वर्तमान में नहीं जी पा रहे। इसका कारण जहरीली खेती व बिगड़ी जीवन शैली हे। प्राचीन काल में भारत देश सोने की चिड़िया, सम्पन्न, समृद्ध, स्वावलंबी था क्योंकि कृषि प्रधान था। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी संस्कारवान, मेधावी, बलशाली बने, खेती से जुड़े, आत्मनिर्भर बने। इजराइल का प्रत्येक व्यक्ति देश भक्त हे क्योंकि प्रत्येक परिवार का युवा सेना में भर्ती होता हे, युवा खेती करता हे। परिवार कुटुम्ब पर बोलते हुए परमानंद ने कहां की परिवार में कम से कम सफ्ताह में एक बार सामूहिक बैठकर चर्चा, समीक्षा करना चाहिए। ऊंच, नीच, गरीब, अमीर, जातिगत भेदभाव को छोड़कर सभी को गले लगाना चाहिए। राष्ट्रभक्ति, प्रकृति, जल संरक्षण करना, पौधारोपण, जैविक खेती को प्राथमिकता देना यह सब युवाओं में होना चाहिए।

ताराचंद गोयल ने कहां अर्थभाव के कारण पढ़ाई नहीं कर पाएं, छोटी उम्र में काम करना शुरू कर दिया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने पर प्रेरणा मिली और समाज व राष्ट्र के लिए कार्य करने का भाव पैदा हुआ। परहित के काम करना जीवन का ध्येय बनाया। और जैविक खेती पर काम करना शुरू किया ताकि रासायनिक से जहरीली हुई खेती से बचा जा सके। मांगकर खाने के बजाय खुद मेहनत करके खाना चाहिए, दूसरों पर निर्भर नहीं रहना। हम युवा पीढ़ी को देने वाला बनाए, मांगने वाला नहीं। देश का भविष्य किसान के हाथ में हे।

इस दौरान प्रांत के घनश्याम मीणा, जिला सह मंत्री रमेश नागर, धनराज पारेता, रामावतार मीणा, अशोक जांगिड़, जितेन्द्र नागर निमसरा, जगदीश नागर गेंता, उमाशंकर नागर, रवीन्द्र योगी, योगेन्द्र नागर, मिथलेश पारेता, कृष्ण मुरारी नागर, बाबूलाल मीणा, बाल मुकंद नागर, बद्रीलाल मीणा, चंपालाल गौचर, मोतीलाल नागर, महिला प्रमुख प्रकाशी बाई नागर, सत्यनारायण मीणा, गोपीलाल सुमन, युधिष्ठिर नागर सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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Chief Editor of voice of public rajasthan

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