खननकर्ता अवैध तरीके से निकाल रहे बजरी नदी किनारे बने गहरे गड्ढे
कालीसिंध नदी का सीना चीर कर रहे हैं बजरी का अवैध खनन

बी एम राठौर
संवाददाता सांगोद
सांगोद 2 जनवरी को सांगोद, प्रदेशभर में बजरी के अवैध खनन एवं परिवहन पर पाबंदी के बावजूद क्षेत्र की कालीसिंध नदी बजरी के अवैध खनन का जरिया बन रही है। प्रतिदिन यहां से नाव के जरिए बजरी निकालकर खननकर्ता उसे ट्रैक्टर व अन्य साधनों से परिवहन कर मुंहमांगे दामों पर बेच रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि
सांगोद. आमली गांव के पास कालीसिंध नदी में नाव से बजरी निकालते श्रमिक।
रहा। हालांकि पुलिस विभाग के अधिकारियों का दावा है कि शिकायत के बाद मौके पर कार्रवाई कर गड्ढे खुदवाकर पाबंदी लगवाई गई थी, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि इसके बाद भी अवैध खनन पर पुलिस की सख्ती नहीं होने से पाबंदी नहीं लग पाई। मंडाप पंचायत का क्षेत्र है तो दूसरी तरफ देवलीमांझी थाना क्षेत्र है। दोनों ही थानों में कई बार ग्रामीणों ने अवैध खनन की रोकथाम को लेकर शिकायतें की। शिकायत के बाद कुछ दिन अवैध बजरी निकालना बंद हो जाता है, बाद में यह फिर चालू हो जाता है। पुलिस की सख्ती नहीं होने
अवैध बजरी निकालने वाले जहां चांदी कूट रहे है तो वहीं जिम्मेदार कार्रवाई से बच रहे है।
दिनभर नदी में चलती हैं बजरी के लिए नावें
ग्रामीणों ने बताया कि अवैध बजरी
इनका कहना है
ग्रामीणों की अवैध बजरी निकालने की कुछ दिनों पहले शिकायत मिली थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गड्ढे भी खुदवाए थे ताकि यह परिवहन नहीं कर सके। इसके लिए फिर दोनों थाने के अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।
अभय कुमार, पुलिस उपअधीक्षक सांगोद
डाल रखी है। नावों में श्रमिक दिनभर बजरी निकालकर उसे नदी तट पर क ढेर कर देते हैं।
ज्यादा बजरी होते ही उसे ट्रैक्टरी व अन्य साधनों से परिवहन कर बेच ता देते है। वाहनों के आवागमन से नदी वि के किनारे कई फीट गहरे गड्ढे बन में गए है। ग्रामीण इन्हें रोकते टोकते है