राम लल्ला के दर्शन भव्य मंदिर में आज कारसेवकों के शौर्य के कारण ही संभव हो पाया : सतीश सोनी
बजरंग दल ने मनाया इटावा में शौर्य दिवस

जितेंद्र नागर वरिष्ठ संवाददाता इटावा
इटावा, 12 दिसंबर।
विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल द्वारा गीता जयंती पर शौर्य दिवस का आयोजन शिवाजी बस स्टेंड इटावा पर प्रखंड उपाध्यक्ष गिरिराज पारेता व संयोजक पुष्पेंद्र कुशवाह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता श्रीराम जानकी मंदिर इटावा के संत आशुतोष महाराज रहे, वही विशिष्ठ अतिथि प्रखंड मंत्री सतीश सोनी, संत वासुदेव महाराज रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता के चित्र पर द्वीप प्रज्वलित कर पूज्य संतो द्वारा किया गया।
बजरंग दल नगर संयोजक अनिल उपाध्याय व मंत्री देवेन्द्र गोड ने बताया कि भगवान श्री राम की मंदिर अयोध्या में बाबर ने बनाया ढांचे को कार सेवकों ने 6 दिसंबर 1992 को ढहा दिया, और वर्षों पुराने लगा कलंक को मिटा दिया था, उस दिन गीता जयंती थी तब से ही बजरंग दल गीता जयंती पर शौर्य दिवस मनाता आ रहा हे।
इस दौरान बजरंगियों को संबोधित करते हुए श्री राम जानकी मंदिर के पूज्य संत आशुतोष महाराज ने कहां की गीता जयंती भगवद्गीता के उपदेश की स्मृति में मनाई जाती है, जो महाभारत के युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिए थे। यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और पौराणिक महत्व रखता है। गीता जयंती हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है, जिसे मोक्षदा एकादशी भी कहा जाता है। भगवद्गीता को “जीवन का सार” कहा जाता है। इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं धर्म, कर्म, भक्ति और ज्ञान पर गहन शिक्षा देते हैं। गीता के उपदेश सिर्फ अर्जुन के लिए नहीं थे, बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए हैं। इसमें भगवान कृष्ण ने अर्जुन को सिखाया कि व्यक्ति को निष्काम भाव से कर्म करना चाहिए और फल की चिंता किए बिना अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। हिंदू धर्म में चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अर्थवेद है। इन चारों वेदों का सार गीता में मिलता है यही कारण है भगवतगीता को हिंदू धर्म का पवित्र और सर्वमान्य धर्मग्रंथ माना जाता है। इसकी महत्ता इतनी है कि यदि कोई गीता को स्पर्श कर ले तो वह झूठ नहीं बोलता है।
प्रखण्ड मंत्री सतीश सोनी ने कहा की किस प्रकार बलिदान देकर राम जन्मभूमि को हिंदुओं ने प्राप्त किया और वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण किया। यदि कारसेवक शौर्य दिखाते हुए विवादित ढांचे को ना गिराते तो आज राम लला के दर्शन समस्त हिंदुओं को शायद ना हो पाते।
कार्यक्रम पश्चात सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ का आयोजन किया गया व भारत माता की भव्य आरती की गई। साथ ही समापन पर भव्य आतिशबाजी बजरंगियों द्वारा की गई।
इस दौरान नगर मंत्री देवेन्द्र गोड, संयोजक अनिल उपाध्याय, अभिषेक सेन, विक्की आर्य, सोनु आर्य, महावीर सुमन, जय हो, रामस्वरूप जगरोटिया, निरज पारेता, सोनु वाल्मीकि, भजन वाल्मिकी, कजोड वाल्मीकि, राधेश रावल, नवल शर्मा, ललित जेन, ब्रजमोहन नागर सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा हेतु इटावा पुलिस उपाधीक्षक शिवम जोशी, थानाप्रभारी संदीप विश्नोई सहित पुलिस जाप्ता मौजूद रहा।