अहिल्याबाई होलकर ने भारतीय संस्कृति के कीर्ति ध्वज को दसों दिशाओं में फहराया : मीणा

अहिल्याबाई होलकर ने भारतीय संस्कृति के कीर्ति ध्वज को दसों दिशाओं में फहराया : मीणा
अहिल्याबाई होलकर की 300 जयंती पर इटावा में भारत माता का चित्र बनाकर 300 दीपक के साथ स्वयंसेवकों ने किया दीपदान
जितेंद्र नागर वरिष्ठ संवाददाता इटावा
इटावा, 10 दिसम्बर।
लोक माता अहिल्याबाई होलकर की 300 जयंती के उपलक्ष पर सोमवार रात्रि को इटावा नगर के अंबेडकर सर्किल पर स्थित गणेश मंदिर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नगर इटावा द्वारा उत्सव के रूप में मनाया गया।
नगर प्रचार प्रमुख शिव प्रकाश वैष्णव ने बताया कि इस अवसर पर भारत माता का चित्र बनाकर 300 दीपक के साथ स्वयंसेवकों ने दीपदान किया। समापन पर आरती का आयोजन किया गया।
जिसमें मुख्य वक्ता जिला संपर्क प्रमुख माणकचन्द मीणा ने अहिल्याबाई होलकर की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहां कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर ने भारतीय संस्कृति के कीर्ति ध्वज को तो दसों दिशाओं में फहराया और आदर्श शासन की भी स्थापना की। इंदौर नगर को व्यवस्थित और विकासशील आज पूरे देश में इंदौर को स्वचता और विकसित हे!
उन्होंने कहां कि अहिल्याबाई नारीत्व का एक आदर्श उदाहरण है. उन्होंने अनेक अपनों के बिछड़ने के बाद भी समाज में साधरण वेश में रहकर समाज की सेवा की और राजपरिवार का संचालन किया. आध्यात्मिक जीवन को जीते हुए भगवान शिव की उपासना की. अहिल्याबाई होल्कर एक महान महिला शासक थीं. विभिन्न विपदाओं के बाद भी राज्य की आर्थिक सैन्य व व्यापारिक गतिविधियों को मजबूत किया. इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपनी सैनिक टुकड़ी में पांच सौ महिलाओं को शामिल किया। रानी अहिल्याबाई होल्कर ने द्वारिका, रामेश्वर, बद्रीनारायण, सोमनाथ, अयोध्या, जगन्नाथ पुरी, काशी, गया, मथुरा, हरिद्वार आदि स्थानों में मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया।
कार्यक्रम के बाद में स्वयंसेवकों द्वारा इटावा नगर में रात्रि फेरी रामधुन के साथ निकाली गई। इस दौरान बीच-बीच में तिराहा पर अहिल्याबाई के जीवन पर प्रकाश डाला।