किसानों की शिकायत पर मंत्री हीरालाल नागर ने दिए गेहूं खरीद केन्द्र पर अनियमितता की जांच के निर्देश
ऊर्जा मंत्री ने सांगोद में की जनसुनवाई, मौके पर ही किया परिवादों का निस्तारण

बी एम राठौर सांगोद
सांगोद में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने रविवार को सांगोद सांगोद स्थित निजी आवास पर जनसुनवाई की। इस दौरान उप प्रधान ओम नागर अडूसा, क्रय विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष ओम महता, भाजपा जिला उपाध्यक्ष दिलीप गर्ग, देहात मण्डल अध्यक्ष मुरारी मेहता, नागर मण्डल अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सोनी, रामावतार वर्मा समेत क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। ऊर्जा मंत्री ने जन समस्याओं को लेकर अधिकारियों को तुरंत निराकरण के निर्देश दिए। वहीं काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश देते हुए लताड़ भी लगाई। ऊर्जा मंत्री ने ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की चेतावनी दी।
इस दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने गेहूं खरीद में अनियमितता, भ्रष्टाचार समेत अन्य शिकायतें की। किसानों ने बताया कि खरीद केंद्र पर कर्मचारियों द्वारा तुलाई के लिए पैसे की मांग की जाती है। वहीं बुहारी के नाम पर भी किसानों के साथ ठगी हो रही है। इस पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने एफसीआई, राजफेड के अधिकारियों और खरीद ठेकेदार को बुलाकर उन्हें सख्त निर्देश दिए। साथ ही जिला कलेक्टर से भी बात की। उन्होंने प्रदेश के सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक से बात कर हाड़ौती में गेहूं खरीद में हो रही गड़बड़ी और किसानों की शिकायत से अवगत कराया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए किसानों की शिकायत की विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
मंत्री नागर ने कहा कि मापदंडों का बहाना बनाकर किसी भी किसान का गेहूं खरीद से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। गेहूं खरीद में व्यावहारिक शिथिलता बरती जा सकती है। उन्होंने कहा कि खरीद केंद्रों पर किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। केन्द्रों पर छाया, पानी, विश्राम और शौचालय समेत सभी प्राथमिक सुविधाएं दी जाए। वहीं गर्मी की भीषणता को देखते हुए भी समुचित व्यवस्थाएं चौक बंद की जानी चाहिए। दूसरी ओर, खरीदी के बाद पेमेंट की व्यवस्था भी समय पर की जानी चाहिए।
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को जनता के साथ सदव्यवहार करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अपनी समस्या लेकर के अधिकारियों और कर्मचारियों के पास आते हैं तो उनके साथ में बुरा बर्ताव किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।