बंगाल में हिंदुओं पर हिंसा का इटावा में हुआ विरोध, विहिप बजरंग दल ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
हिन्दुओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं होगा : विहिप

जितेंद्र कुमार नागर
इटावा विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल इटावा द्वारा सोमवार सायं को उपखंड कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन कर विहिप जिला सह मंत्री दीपक पारेता, बजरंग दल नगर संयोजक अनिल उपाध्याय के नेतृत्व में एसडीएम रामनिवास मेहता को महामहिम राष्ट्रपति महोदया भारत सरकार के नाम वक्फ कानून के विरोध की आड़ में बंगाल में हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, हत्याएं की जा रही हे जिसकी रोकथाम व बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
विहिप के जिला सह मंत्री दीपक पारेता ने बताया कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में संपूर्ण बंगाल को जिस प्रकार हिंसा की आग में जलाया जा रहा है, हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को निर्बाध रूप से अपने षडयंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है, उससे स्पष्ट लगता है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। मुर्शिदाबाद से प्रारम्भ हुई यह भीषण हिंसा अब संपूर्ण बंगाल में फैलती हुई दिखाई दे रही है। शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने केवल निष्क्रिय ही नहीं अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बन गया है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए, केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेकर राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों के लिए कठोरता सजा दिलवानी चाहिए। मुस्लिम भीड़ द्वारा 11 अप्रैल, 2025 को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर किया गया हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं अपितु हिंदुओं पर हिंसक आक्रमण के रूप में था जबकि हिंदू समाज का इस कानून के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी और यह एक शुद्ध संवैधानिक प्रक्रिया थी । इसका स्पष्ट अर्थ है कि वक्फ तो केवल बहाना था, असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। इस उन्मादी जिहादी भीड़ ने हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और व्यावसायिक दुकानों को लूटकर जलाया, सैकड़ो हिंदुओं को बुरी तरह घायल किया व तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। दर्जनों महिलाओं के शीलभंग भी किए गए। परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा ।
उनके पास जाकर उनकी चिंता एवं सहायता करने की अपेक्षा सुश्री ममता बनर्जी दंगा भड़काने वाले इमामो से मिल रही है जिनमें से एक इमाम ने एक दिन पहले ही धमकी दी थी कि “अगर ममता बनर्जी ने उनका साथ नहीं दिया तो वह उसकी औकात बता देंगे।” अब ये सारे तथ्य सामने आने पर यह समाचार मिल रहा है कि ममता जी अब शरणार्थियों को सुविधा देने की जगह उनको वापस जेहादियों के सामने जबरन परोसने का षड्यंत्र कर रही है।
बजरंग दल नगर संयोजक अनिल उपाध्याय ने कहां की आज की बंगाल की स्थिति से यह स्पष्ट है कि ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को बंगाल में ध्वस्त कर अपनी सरकार और वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है। बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है ।बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्बाध रूप से आने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है। हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ती जा रही है और न्यायालय के आदेश पर ही हिंदू त्योहारों को अनुमति मिल पाती है। उनको सुरक्षा देने वाले अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया जाता है। हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है। तृणमूल के असामाजिक तत्व व जिहादी गुंडो के नियंत्रण व निर्देश पर ही प्रशासन काम करने के लिए विवश है।
बृजमोहन नागर ने कहां की आज यह हिंसा मुर्शिदाबाद से निकलकर संपूर्ण बंगाल में फैलती जा रही है। अब यह बंगाल तक भी सीमित नहीं रहेगी। इसलिए देश की जनता मांग करती है कि बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। बंगाल की हिंसा की जांच NIA के द्वारा करवाई जाए और दोषियों को अविलंब दंडित किया जाए। बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए। बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था। हमें विश्वास है की राष्ट्र की सर्वभौंमिक्ता और साम्प्रदायिक सदभाव बनाये रखने के लिए आप अविलम्ब और त्वरित कार्यवाही करेंगी।
ज्ञापन सौंपने से पहले जिला धर्मयात्रा प्रमुख सतीश सोनी ने सभी को ज्ञापन का वाचन कर सुनाया। इस दौरान लटूर लाल महावर, विहिप के तेजराज सिंह, सतीश सोनी, बजरंग लाल नागर, नीरज जगरोटिया, रामु मीना, देवेंद्र गोड़, अनिल उपाध्याय, अभिषेक सेन, सुरेंद्र जगरोटिया, महावीर जांगिड, इंद्र नागर, बृजमोहन नागर, जयप्रकाश गौतम, उमाशंकर नागर, रामदयाल, जीतू, शंभु सुमन, टीकम नागर, गोलू पारेता, रोशन सहित कई लोग मौजूद रहे।