स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से तापघात के संबंध में की अपील
जहां तक संभव हो धूप में न निकलें अगर निकलें तो शरीर पूर्ण तरह से ढका हो

गोपाल पारीक सुल्तानपुर
सुल्तानपुर. नगर समेत क्षेत्र में जिला कलक्टर के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन को भीषण गर्मी से बचाव को लेकर आवश्यक एडवाइजरी जारी की गई है जहाँ सुल्तानपुर बीसीएमओ डॉ. राजेश सामर ने बताया कि कोटा जिला कलक्टर के साथ सीएमएचओ डॉ. नरेन्द्र नागर के निर्देशानुसार सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को अस्पतालों में लू-तापघात के रोगियों के लिए गाइडलाइन अनुसार बैड आरक्षित रखते हुए वहां कूलर व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपात कालीन किट में ओरआरएस,ड्रिपसेट,फ्लूड एवं आवश्यक दवाईयां रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आमजन के लिए जारी अपील मं, कहा है कि जहां तक संभव हो धूप में न निकलें। निकलें तो शरीर पूर्ण तरह से ढका हो। सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें। लू तापघात से प्राय: कुपोषित बच्चे,बीमार, वृद्व, गर्भवती महिलाएं और श्रमिक आदि शीध्र प्रभावित हो सकते हैं। इन्हे प्रात: 10 बजे से शाम 6 बजे तक तेज गर्मी से बचाने के लिए छायादार ठंडे स्थान पर रहने का प्रयास करें। लू के लक्षण प्रतीत होने पर तुरंत प्राथमिक उपचार करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं।
ये बरतें सावधानी-
डॉ. सामर ने बताया कि बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों से बचें, रेल बस आदि की यात्रा अत्यावश्यक होने पर ही करें। बिना भोजन किए बाहर न निकलें। भोजन करके एवं पानी पी कर ही बाहर निकलें। सड़े-गले फल व बासी सब्जियों का उपयोग हरगिज ना करें। गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिए से ढक कर ही धूप में निकलें। रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें।गर्मी में हमेशा पानी एवं पेय पदार्थों जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करते रहें। अकाल राहत कार्यों पर अथवा श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जावे, ताकि श्रमिक थोडी-थोडी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें। कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक से बचें।
लू-तापघात के लक्षण-
वरिष्ठ सर्जन डॉ.अनिल दाधीच ने बताया कि शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू व तापघात निम्नांकित लक्षणों के द्वारा प्रभावी होता है। जिसमें सिर का भारीपन व सिरदर्द। अधिक प्यास लगाना व शरीर में भारीपन के साथ थकावट। जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना (105 एफ या अधिक)। पसीना आना बंद होना,मुंह का लाल हो जाना व त्वचा का सूखा होना। अत्यधिक प्यास का लगना, बेहोशी जैसी स्थिति का होना।