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दीगोद एसडीएम की किसानों से अपील – खेतों में न जलाएं फसल अवशेष

आगजनी की बढ़ती घटनाओं और पर्यावरण प्रदूषण को लेकर जताई चिंता

गोपाल पारीक सुल्तानपुर

दीगोद. गर्मी के मौसम में बढ़ती आगजनी की घटनाओं और फसल कटाई के बाद खेतों में अवशेष (नौलाइयों) को जलाने की प्रवृत्ति को लेकर दीगोद उपखंड अधिकारी दीपक महावर ने क्षेत्र के किसानों और आमजन से विशेष अपील की है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में तापमान वृद्धि के कारण खेतों में आग लगने की घटनाएं आम होती जा रही हैं, जिससे कच्चे मकानों को नुकसान, जान-माल की हानि और पर्यावरण प्रदूषण जैसी गंभीर स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं।

उपखंड अधिकारी ने बताया कि फसल के बाद खेतों में बची नौलाइयों को जलाने से न केवल भूमि की उर्वरता घटती है, बल्कि मिट्टी की ऊपरी परत भी जल जाती है, जिससे जमीन बंजर होने लगती है। साथ ही इसमें मौजूद कार्बनिक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जो फसलों के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि नौलाइयों को जलाने के बजाय हैरो से हंकाई करें,पहली बारिश के समय प्रति बीघा 8 किलो यूरिया डालें, जिससे नौलाइयां गलकर खाद का काम करेंगी वहीँ भूसा बनाकर पशुओं के चारे के रूप में उपयोग करें।
कानूनी कार्रवाई का भी दिया संकेत-
एसडीएम ने चेतावनी दी कि यदि कोई किसान नौलाइयों में आग लगाते हुए पाया गया, तो उसके विरुद्ध वायु प्रदूषण (निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 19(5) के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि फसल अवशेष जलाना कानूनन अपराध है, और इसकी रोकथाम के लिए प्रशासन सतर्क है।

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Chief Editor of voice of public rajasthan

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